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Uttarakhand news: After the Deoghar ropeway accident, now the security system of Haridwar ropeway

उत्तराखण्ड

देवघर रोपवे हादसे के बाद उत्तराखंड में भी खौफ जानिए हरिद्वार रोपवे की सुरक्षा व्यवस्था

Haridwar Ropeway: हरिद्वार जिले में वर्ष 2010 में हुआ था एक हादसा जानिए मनसा देवी तथा चंडी देवी रोपवे की सुरक्षा व्यवस्था

झारखंड के देवघर में हुए रोपवे हादसे के बाद अब उत्तराखंड में भी लोग रोपवे से यात्रा करने से डर रहे हैं। बता दें कि बीते रविवार को शाम 4 बजे झारखंड के देवघर में त्रिकूट पर्वत रोपवे की ट्रॉली कार आपस में टकरा गई ।जिसके कारण रोपवे में खराबी आ गई और करीब 60 लोग हवा में लटके रहे। बताते चलें कि रोपवे हादसे में फंसे लोगों को निकालने के लिए सेना द्वारा तीन दिनों तक ऑपरेशन चलाया गया । ऑपरेशन के दौरान निकाले गए लोगों मे 3 लोगों की जान नहीं बच पाई। वही अब इस हादसे के बाद से उत्तराखंड में भी लोग रोपवे ट्राली मे सफर करने से डर रहे हैं।(Haridwar Ropeway)

उत्तराखंड में भी जगह-जगह पहाड़ियों पर आरोप में बनाए गए हैं। राज्य के हरिद्वार जिले में स्थित मनसा देवी तथा चंडी देवी मंदिर में भी दर्शन करने के लिए रोपवे का निर्माण किया गया था। बता दें कि आज से लगभग चार दशक पहले उषा बेक्रो कंपनी द्वारा मां मनसा देवी के लिए रोपवे का निर्माण किया था। मनसा देवी में रोपवे के बाद लगभग 15 साल बाद सन 1997 में मां चंडी देवी के लिए भी इसी प्रकार के रोपवे का निर्माण किया गया। लेकिन इतने सालों में अभी तक इन दोनों रोपवे पर ऐसा कोई भी हादसा नहीं हुआ है। वर्ष 2010 में एक महिला की स्वयं की गलती के कारण ट्रॉली डिसबैलेंस हुई थी जिस कारण से महिला ट्रॉली से गिर गई थी। लेकिन इस घटना में महिला की जान बच गई थी। इस घटना के अलावा यहां अभी तक ऐसी कोई भी घटना घटित नहीं  हुई है। इसका मुख्य कारण यहां की सुरक्षा व्यवस्था से है।

रोपवे के संचालन को लेकर उषा बेक्रो कंपनी द्वारा समय-समय पर रोपवे की जांच की जाती है।उषा ब्रेको प्राइवेट लिमिटेड के प्रभारी मनोज डोभाल का कहना है कि हम मानवीय जिंदगी के साथ खिलवाड़ नही कर सकते है। उनकी सुरक्षा करना हमारी पहली जिम्मेदारी है। इसके लिए हमारे पास दक्ष इंजीनियर की टीम 24×7 उपलब्ध रहती है।बता दे कि ये टीम किसी भी तरह की परिस्थितियो से निपटने के लिए पूरी तरह से सक्षम है।मां मनसा देवी तथा चंडी देवी के रोपवे की जांच हर दिन सुबह रोपवे शुरू होने से पहले की जाती है। इसके साथ ही उषा बेक्रो कंपनी द्वारा संचालित रोपवे के सभी केबिन में लोहे की एक मजबूत डोरी की व्यवस्था की गई है यदि किसी कारणवश रोपवे रास्ते में रुक जाता है तो डोरी की सहायता से लोगों तक जरूरी सामान पहुंचाया जा सकता है।


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