उत्तराखंड के आयुष जोशी ने अपने संगीत के माध्यम से भारत का प्रतिनिधित्व किया 55 देशों में
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Uttarakhand Singer Ayush Joshi : युवा गायक आयुष जोशी संगीत जगत में विदेशों में भी लहरा चुके हैं भारत का परचम, हो चुके हैं राज्यपाल से भी सम्मानित
उत्तराखंड के होनहार युवा आज अपनी प्रतिभा के दम पर चहुंओर छाए हुए हैं। शिक्षा के क्षेत्र से लेकर खेल के मैदान तक, नृत्य के रंगमंच से लेकर गीत-संगीत की दुनिया तक, आज ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं जहां राज्य की होनहार प्रतिभाओं ने अपनी काबिलियत का परचम नहीं लहराया हों। आज हम आपको राज्य के एक और ऐसे ही होनहार युवा से रूबरू कराने जा रहे हैं जो न सिर्फ एक शिक्षक के रूप में नौनिहालों को संगीत की शिक्षा दे रहे हैं बल्कि देश-विदेश में अपनी गायन प्रतिभा का प्रदर्शन कर उत्तराखण्ड के साथ ही समूचे देश को भी गौरवान्वित कर रहे हैं। जी हां.. हम बात कर रहे हैं मूल रूप से राज्य के उत्तरकाशी जिले के रहने वाले आयुष जोशी की, जो वर्ष 2019 में महज 19 वर्ष की उम्र में 55 देशों के कलाकारों के साथ भारत का प्रतिनिधित्व कर ब्रिटेन सरकार द्वारा सम्मान भी प्राप्त कर चुके हैं। इतना ही नहीं प्रतिभा के धनी आयुष को उत्तराखण्ड सरकार, भारत सरकार के साथ ही कई अन्य देशों द्वारा भी विभिन्न पुरस्कारों सम्मानित हो किया जा चुका है। उनकी इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं पूरे क्षेत्र में भी खुशी की लहर है।(Uttarakhand Singer Ayush Joshi)
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बता दें कि राज्य के उत्तरकाशी जिले के रहने वाले आयुष जोशी गीत-संगीत की दुनिया में अपनी काबिलियत का परचम लहराकर देश-प्रदेश को गौरवान्वित कर रहे हैं। बात अगर आयुष की स्कूली शिक्षा की करें तो 25 दिसंबर 1999 को जन्में आयुष ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा तिलौथ उत्तरकाशी से प्राप्त की, तत्पश्चात उन्होंने आठवीं तक की शिक्षा कान्वेंट स्कूल टिहरी से तथा हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की शिक्षा होरोई जन स्कूल जौलीग्रांट से प्राप्त की। जिसके बाद उन्होंने डीएवी देहरादून से संगीत में बीए की, प्रयाग संगीत समिति प्रयागराज से संगीत विशारद की डिग्रियां हासिल की। इसके अतिरिक्त आयुष ने श्रीराम भारतीय कला केंद्र दिल्ली से शास्त्रीय संगीत गायन की शिक्षा भी प्राप्त की है। देवभूमि दर्शन से खास बातचीत में आयुष बताते हैं कि आयुष वर्तमान में पद्य श्री पुरस्कार से सम्मानित डॉक्टर माधुरी बड़थ्वाल से लोक संगीत शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। वह 2017-18 में राज्य के तत्कालीन राज्यपाल के• के• पाल से भी सम्मानित हो चुके है।
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बात अगर संगीत क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्यों की करें तो 55 देशों के साथ स्वरांजली प्रस्तुत कर भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले आयुष डिजिटल इंडिया जयपुर यूथ कान्क्लेव में बतौर विशिष्ट अतिथि उत्तराखण्ड का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त राज्य स्तरीय कई युवा महोत्सवों में उन्होंने शास्त्रीय संगीत का मनमोहक प्रदर्शन कर दर्शकों की खूब तालियां बटोर चुके हैं। वर्ष 2021 के युवा महोत्सव में उन्होंने ‘देवभूमि जय बद्री केदार’ का बेहतरीन प्रदर्शन किया। इतना ही नहीं आयुष दून ग्रामर स्कूल में बतौर संगीत अध्यापक अपने छात्रों को कुशल प्रशिक्षण भी दे रहे हैं और अनाथ बालिकाओं को संगीत की निःशुल्क शिक्षा मुहैया करा रहे हैं। यू• के•, चीन, यूक्रेन आदि देशों के विभिन्न कलाकारों के साथ वर्ष 2020 में ‘द वर्थ आफ गंगा’ डाक्यूमेंट्री में आयुष ने भारत का प्रतिनिधित्व किया। उनके बेहतरीन प्रदर्शन और समाजसेवी कार्यों के कारण देश-विदेश की अनेक संस्थाओं से उन्हें कई सम्मान प्राप्त हो चुके है।
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