उत्तराखंड: झोलाछाप डॉक्टर के चक्कर में 2 साल के मासूम बच्चे लक्ष्य नैनवाल की मौत
Lalkuan news today: लाल कुआं क्षेत्र के बिंदुखत्ता में झोलाछाप डॉक्टर के इलाज के कारण गई 2 वर्षीय बच्चे की जान
गांव हो या शहर हर जगह झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है। यहां तक कि छोटी- छोटी गलियों नुक्कड़ों में भी कई झोलाछाप डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। सच्चाई तो यही है कि मरीज चाहे उल्टी, दस्त, खांसी, बुखार से पीड़ित हो या फिर अन्य कोई बीमारी से झोलाछाप डॉक्टर हर बीमारी का इलाज अपने तरीके से करने लग जाते हैं, कई बार तो इनके द्वारा हर बिमारी में एक ही तरह की दवाई तक दे दी जाती है जिसका खामियाजा मरीज और उसके परिजनों को भुगतना पड़ता है। अभी एक ऐसा ही मामला नैनीताल जिले के लालकुआं क्षेत्र के बिंदुखत्ता से सामने आ रहा है जहां झोलाछाप डॉक्टर द्वारा गलत इलाज करने से 2 वर्षीय मासूम बच्चे की मौत हो गई। इतना ही नहीं क्षेत्र के एक अन्य बच्चे की हालत गंभीर बताई जा रही हैं जिसे इलाज के लिए बरेली रेफर कर दिया गया है।(Lalkuan news today)
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प्राप्त जानकारी के अनुसार बिंदुखत्ता के शास्त्रीनगर प्रथम निवासी विनोद नैनवाल के दो साल के बेटे लक्ष्य की 24 मई की दोपहर को तबीयत खराब हो गई। जिसके बाद परिजन उसे काररोड स्थित एक निजी क्लीनिक में उपचार के लिए ले गए। क्लीनिक संचालक ने बच्चे के परिजनों को दवाई दे दी । जब बच्चे को दवाई खिलाई तो बच्चे की तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई। जिस पर परिजन उसे तुरंत सुशीला तिवारी चिकित्सालय लेकर पहुंचे। जहां उपचार के दौरान बच्चे की मौत हो गई। बच्चे की मौत से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है वही बच्चे की मां कमला नैनवाल बेसुध हो गई। परिवार का इकलौता चिराग किसी डॉक्टर की लापरवाही से बुझ गया जिससे पूरा परिवार सदमे में है। मोटा हल्दु स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्सक डॉक्टर हरीश पांडे का कहना है कि घटना की जानकारी उनको प्राप्त हुई है लेकिन झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ अभी तक किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं की गई है। उनका कहना है कि झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ जल्द अभियान चलाया जाएगा।