उत्तराखण्ड: पहाड़ की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं ने ली एक और प्रसूता की जान, रास्ते में तौड़ा दम
पहाड़ की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं ने ली एक और प्रसूता की जान, अस्पताल में नहीं मिली सुविधा तो किया हल्द्वानी रेफर रास्ते में ही तोड़ा दम
पहाड़ में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली से न जानें कितने लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। लेकिन फिर भी पहाड़ो में हालात ज्यों के त्यों ही है। ऐसा ही एक ताजा मामला पिथौरागढ से सामने आ रहा है जहां फिर से एक महिला को स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली से अपनी जान गवानी पडी। हाल ये हैं कि पहाड़ के अस्पताल मात्र रेफर सेंटर बन कर रह गए हैं। जिसका खामियाजा आए दिन ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। अधिकतर घटनाएं चिकित्सकों/उपकरणों की कमी के कारण या फिर समय पर उपचार ना मिलने के कारण ही होते हैं।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार पिथौरागढ़ जिले के नैनी सैनी निवासी नीरज सिंह महर की गर्भवती पत्नी काव्या की महिला सरकारी अस्पताल से रेफर के बाद मौत हो गई। बता दें कि नीरज देहरादून में बतौर डीआरडीओ वैज्ञानिक कार्यरत हैं। उनकी पत्नी को सोमवार सुबह जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसने एक बेटी को जन्म दिया लेकिन कुछ समय बाद ही यूरीन आउटपुट बंद होने के बाद किडनी ने काम करना बंद कर दिया। उचित उपकरण और चिकित्सको की कमी की वजह से प्रसूता को हल्द्वानी रेफर कर दिया जहां प्रसूता ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। प्रसूति महिला की मौत से घर में कोहराम मचा हुआ।