Connect with us
Uttarakhand Government Happy Independence Day
Himachal Pradesh news: Shikha from chamba district got 4th rank in HAS EXAM.

देवभूमि दर्शन

हिमाँचल प्रदेश

VIDEO: पहाड़ की बेटी शिखा की HAS परीक्षा में चौथी रैंक , बेटी की सफलता से छलक पड़े पिता के आंसू

शिखा ने पांच बार असफल होने के बावजूद जारी रखी मेहनत, अपने कड़े परिश्रम और लगन से अब एच‌एएस परीक्षा (HAS EXAM) परिणामों में हासिल की प्रदेश में चौथी रैंक..

“हादसों की ज़द पे हैं तो मुस्कुराना छोड़ दें,
ज़लज़लों के ख़ौफ़ से क्या घर बनाना छोड़ दें”

इन चंद पंक्तियों को एक बार फिर सही साबित कर दिखाया है देवभूमि हिमाचल की भटियात क्षेत्र के एक छोटे से गांव मंगनूह की रहने वाली शिखा समितिया ने। जी हां.. सात बहनों में सबसे छोटी देवभूमि की इस बेटी ने न सिर्फ बिना किसी कोचिंग के हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा (एच‌एएस) परीक्षा उत्तीर्ण की है बल्कि समूचे प्रदेश में चौथा स्थान भी हासिल किया है। सबसे खास बात तो यह है कि कई बार असफल होने के बावजूद शिखा ने हार नहीं मानी, और हिम्मत न हारते हुए जोर-शोर से अपनी तैयारियों में जुटी रही। इसी का परिणाम है कि आज उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से यह मुकाम हासिल किया है।‌ बता दें कि शिखा इससे पूर्व भी तीन बार एचएएस (HAS EXAM), दो बार अलाइड की परीक्षा दे चुकी है, लेकिन हर बार उन्हें असफलता ही हाथ लगी परंतु उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। शिखा की इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं शिखा के संघर्षभरी जीवन की दास्तां और बार-बार असफल होने के बावजूद मेहनत करते रहने का जज्बा देश के अन्य युवाओं के लिए भी प्रेरणादाई हैं।
यह भी पढ़ें- सीबीएस‌ई: विपरीत परिस्थितियों में भी शानदार प्रदर्शन करने वाली मीनाक्षी के जज्बे को डीएम ने किया सलाम

प्राप्त जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश के राज्य लोकसेवा आयोग ने बीते शनिवार को हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा (एच‌एएस) की संयुक्त परीक्षा (HAS EXAM) 2019 के परिणाम घोषित कर दिए है। इन परीक्षा परिणामों में शिखा समितिया ने बिना किसी कोचिंग के सफलता अर्जित कर समूचे प्रदेश में चौथा स्थान हासिल किया है। बता दें कि मूल रूप से राज्य के चंबा जिले के भटियात क्षेत्र के मंगनूह गांव निवासी शिखा सात बहनों में सबसे छोटी है। उनके पिता लिन्जो राम सेना से सेवानिवृत्त कैप्टन है जबकि उनकी मां गुड्डी देवी का 2019 में निधन हो चुका है। शिखा की इस सफलता से उनके पिता कितने खुश हैं इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि परीक्षा परिणामों के आने के बाद जब शिखा पहली बार अपने घर पहुंची तो लिंजो राम ने उसे गले से लगाया और पीठ थपथपाकर उसे शाबाशी दी, इस दौरान उनकी आंखों से खुशी के आंसू भी छलक पड़े। अपनी इस अभूतपूर्व सफलता का श्रेय अपने माता-पिता एवं गुरूजनों को देने वाली शिखा ने अपने पिता को अपना सबसे बड़ा प्रेरणास्रोत बताया है। उनका कहना है कि पिता ने एचएएस के इस कठिन सफर में मेरा साथ दिया। इसके साथ ही हर पिता से गुजारिश भी की है कि वे अपने बच्चों पर भरोसा रखें और सब्र रखें क्योंकि उनके बच्चों की मेहनत का फल एक ना एक दिन जरूर मिलेगा।

यह भी पढ़ें- उत्तराखण्ड: अपनी कड़ी मेहनत से ज्योति ने आईएसएस परीक्षा में हासिल की देश में 11वीं रैंक

लेख शेयर करे

More in देवभूमि दर्शन

Advertisement

UTTARAKHAND CINEMA

Advertisement Enter ad code here

PAHADI FOOD COLUMN

UTTARAKHAND GOVT JOBS

Advertisement Enter ad code here

UTTARAKHAND MUSIC INDUSTRY

Advertisement Enter ad code here

Lates News

To Top