Banbasa Champawat news today: प्रदेश के सात युवाओं को नौकरी दिलाने के नाम पर हुई ठगी, 25 हजार रुपए में हुआ युवाओं का सौदा….
Banbasa Champawat news today: उत्तराखंड के कई युवाओं को विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का लगातार शिकार बनाया जा रहा है। अभी तक प्रदेश के कई सारे युवा इस ठगी का शिकार हो चुके हैं। ऐसा ही कुछ मामला प्रदेश से फिर से सामने आया है जहां पर सात युवाओं को थाईलैंड में नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी का शिकार बनाया गया। इतना ही नहीं बल्कि उन्हें 25,000 रुपए में बेच दिया गया। साथ ही उन्हें ऑनलाइन ठगी करने के लिए मजबूर किया गया और मना करने पर उन्हें प्रताड़ित किया गया।
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Champawat latest news today बता दें उत्तराखंड के युवाओं को बंधक बनाकर ऑनलाइन ठगी करने के लिए मजबूर किया गया इतना ही नही बल्कि नौकरी दिलाने के बहाने उत्तराखंड के सात युवाओं को थाईलैंड में बेचने वाले गुजरात के पोरबंदर निवासी आरोपी को पुलिस द्वारा हिरासत में लेकर चंपावत लाया गया है जबकि खटीमा का उसका दूसरा साथी दुबई भागने में सफल रहा। शुरुआती जांच में पता चला कि गिरोह ने चंपावत उधम सिंह नगर और देहरादून के युवाओं का प्रत्येक का सौदा 10,000 थाई भाट यानी की लगभग 25,000 भारतीय रुपए में किया था। जिसकी शिकायत बनबसा निवासी राजेंद्र सौन ने 10 जुलाई को थाने में दर्ज कराई थी कि उनका पुत्र ललित अपने दोस्तों के बनबसा के विकास और कमलेश खटीमा के मयंक, गौरव रोहित और देहरादून के निदान गौतम के साथ रोजगार की तलाश में दिल्ली गया था और वहां से सभी बैंकॉक थाईलैंड चले गए। इसके बाद से युवाओं का परिवार वालों से कोई संपर्क नहीं हो पाया।
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uttarakhand youth thailand job बता दें कि बीते सोमवार को एसपी अजय गणपति ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि खटीमा निवासी राहुल उपाध्याय और गुजरात के जयदीप रामजी टोकाडिया उर्फ जय जोशी ने मिलकर उत्तराखंड के सात युवाओं को ठगा। इन युवाओं को नौकरी दिलाने के नाम पर बैंकॉक बुलाकर विदेशी गिरोह को बेच दिया गया। गिरोह के सदस्य सभी को म्यांमार ले गए जहां पर उन्हें बंधक बनाकर ऑनलाइन ठगी करने के लिए मजबूर किया गया और मना करने पर उन्हें प्रताड़ित किया गया। युवाओं को भारत वापस भेजने के बदले उनसे धनराशि वसूली गई किसी तरह फोन पर संपर्क स्थापित कर युवाओं ने अपने परिवार वालों को इसकी जानकारी दी। फिर विदेश मंत्रालय की मदद से थाईलैंड और म्यांमार में भारतीय दूतावास से संपर्क कर करीब दो सप्ताह पहले सभी युवाओं को भारत वापस लाया गया।
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