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Uttarakhand news: ITBP JAWAN Santosh Mahara of BERINAG Pithoragarh martyred in Assam. ITBP Santosh Mahara Pithoragarh

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पिथौरागढ़

पिथौरागढ़ का लाल हुआ असम में शहीद, डेढ़ वर्षीय मासूम के सिर से उठा पिता का साया

ITBP Santosh Mahara Pithoragarh: बीते 31 दिसंबर को ड्यूटी में जाते समय हुए भयावह सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए थे संतोष, अपने पीछे छोड़ गए हैं पत्नी मनीषा, डेढ़ वर्ष के एक बेटे, बुजुर्ग माता-पिता और एक छोटे भाई को रोते बिलखते….

समूचे उत्तराखण्ड के लिए एक दुखद खबर असम से सामने आ रही है जहां ड्यूटी में जाते समय सड़क हादसे में आईटीबीपी का एक जवान शहीद हो गया है। शहीद जवान की पहचान 30 वर्षीय संतोष सिंह महरा के रूप में हुई है। बताया गया है कि वे मूल रूप से राज्य के पिथौरागढ़ जिले के उडियारी गांव के रहने वाले थे। उनके आकस्मिक निधन की खबर से जहां परिवार में कोहराम मच गया है वहीं डेढ़ वर्षीय मासूम बेटे के सिर से पिता का साया उठ गया है। बता दें कि शहीद संतोष अपने पीछे पत्नी मनीषा, डेढ़ वर्ष के एक बेटे, बुजुर्ग माता-पिता और एक छोटे भाई को रोते बिलखते छोड़ गए हैं। बताते चलें कि बीते रोज जैसे ही संतोष का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा तो परिजन बेसुध हो ग‌ए। परिजनों के अंतिम दर्शनों के बाद जवान संतोष का पार्थिव शरीर थल स्थित रामगंगा नदी घाट पर लाया गया। जहां पर उनका सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान उनके पार्थिव शरीर को मुखाग्नि चचेरे भाई चंदन सिंह महरा और किशन सिंह महरा ने दी।
(ITBP Santosh Mahara Pithoragarh)
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प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग तहसील क्षेत्र के उडियारी गांव निवासी संतोष सिंह पुत्र गंगा सिंह महरा, आईटीबीपी की 9वीं बटालियन में कार्यरत थे। वर्तमान में उनकी तैनाती असम के डिब्रूगढ़ में थी। बताया गया है कि बीते 31 दिसंबर को जब वह वाहन से ड्यूटी के लिए जा रहे थे उसी दौरान हुए भयावह सड़क हादसे में वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जिस पर संतोष के साथियों ने उन्हें मोहनबाड़ी असम में स्थित अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां बीते चार जनवरी को वह जिंदगी और मौत की यह जंग हार गए और उपचार के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। इस दुखद खबर से उनके परिवार में कोहराम मच गया। खबर सुनते ही जहां उनकी पत्नी मनीषा और मां बेसुध हो गई वहीं बुजुर्ग पिता की आंखों से भी अश्रुओं की धारा थमने का नाम नहीं ले रही हैं। शहीद संतोष के डेढ़ वर्षीय बेटे के मासूम चेहरे को देखकर परिजनों को सांत्वना देने जा रहे आस पास के ग्रामीण भी अपनी आंखों से आंसू नहीं रोक पा रहे हैं।
(ITBP Santosh Mahara Pithoragarh)

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