उत्तराखंड: सावधान, पहाड़ी रुट में ना करें यात्रा भूस्खलन से तीन नेशनल हाईवे समेत 338 सड़कें बंद
मूसलाधार बारिश के साथ ही शुरू हुआ आफतों का दौर, भारी भूस्खलन (Uttarakhand Landslide) से कई सड़कें बंद, अतिआवश्यकीय कार्य होने पर ही करें पहाड़ी मार्गों पर यात्रा…
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश ने भारी तबाही मचाई है। सभी नदी नाले तो उफान पर हैं ही इसके अलावा भूस्खलन (Uttarakhand Landslide) से अधिकांश सड़के बंद हैं। बता दें कि उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के चलते भूस्खलन के कारण मलबा आने से करीब 338 सड़कें बंद हैं। इनमें तीन नेशनल हाईव भी शामिल हैं। प्रदेश में बुधवार को ऋषिकेश-बदरीनाथ, कर्णप्रयाग-रानीखेत, टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे समेत कई प्रमुख सड़कों पर यातायात बाधित रहा। बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग श्रीनगर से 7 किलोमीटर दूर चमधार में मलबा आने की वजह से मंगलवार शाम साढ़े 6 बजे से अवरुद्ध है। रुद्रप्रयाग में बदरीनाथ और कर्णप्रयाग-रानीखेत हाईवे कई घंटे बंद रहे। वहीं बारिश से पौड़ी जिले के 25 मार्ग बंद हैं। पौड़ी जिले के तहसील थलीसैण के चौथान पट्टी में भारी बारिश से डडोली मल्ली गांव में दो डाट पुलिया, दो घराट बह गए हैं। बूंगीधार-नागचुला खाल मोटर मार्ग डुमडीकोट के समीप क्षतिग्रस्त हो गया है।
जनपद रुद्रप्रयाग में लगातार हो रही बारिश के कारण निम्न स्थानों पर मार्ग बन्द हैं-
1 सिरोबगड़
2 बांसवाड़ा
3 सौड़ी
4 भटवाड़ीसैण
5 रामपुर (शेरसी)
6 घोलतीर से आगे
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अगर बात करें कुमाऊ मंडल की तो यहाँ भूस्खलन से मलबा आने के कारण 45 सड़कें बंद हैं। इसमें चंपावत जिले में टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग शामिल है जो शनिवार से बंद है। इसके साथ ही पिथौरागढ़ में सीमा को जोड़ने वाले चार राष्ट्रीय राजमार्गों सहित कुल 14 सड़कें बंद है। सभी सड़कों को खोलने का काम चल रहा है। नैनीताल जिले में दो मोटर मार्ग मलबा आने से अवरूद्ध हैं।